जिसे मैं चांद कहता था उसी ने मुझे तारे दिखा दिए..

बीवी की तबीयत कुछ खराब रहती थी तो बीवी ने पेंटर से अपनी पेंटिंग बनवाई.... 
 
फिर कुछ सोच कर पेंटर को कहा की गले में नौलखा हार भी बना दो।
 
पेंटिंग बनने के बाद पेंटर ने पूछा कि आपने गले में नौलखा हार अलग से कयों बनवाया... 
 
बीवी बोली कभी मैं मर गई तो ये दूसरी शादी कर लेंगे... 
 
नई वाली आएगी तो ये हार ढूंढेगी और मिलेगा नहीं, तो झगड़ा होगा तब मेरी आत्मा को सच्चा सुकून मिलेगा।
 
इसे कहते है, जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी

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