शादी की 25वीं सालगिरह पर पत्नी पुलकित होकर पति से लिपटते हुए बोली:
आप बिलकुल भी नहीं बदले। वैसे के वैसे ही भोले-भाले,वैसे ही शांत, एकदम पहले जैसे ही..
पति भी भावुक होकर बोल उठा:
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।
पति सरस्वती शिशु मंदिर का छात्र था