इसलिए वो शेर के साथ पिंजरे में ही लेट गए और कम्बल तान के सो गए-
रात ज़्यादा बीत गई तो घर पर पत्नी को चिंता हुई ....
उसने कार निकाली और खुद ड्राइव करके सर्कस जा पहुंचीं-
देखा बहादुर सिंह शेर के पिंजरे में खर्राटे ले रहे हैं-
पत्नी ने एक छड़ी उठाई और शेर के पिंजरे के पास गईं।
उसने छड़ी को अपने पति पर चुभोते हुए कहा : "डरपोक कहीं के... यहां छुपे बैठे हो ?