वह बुढ़िया को एक सेकंड के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता।
इससे बुढ़िया बहुत परेशान हो गई। बुढ़िया के घर से उसकी मां के फ़ोन आ रहे थे, बेटी एक बार मिलने आजा पर बुढ़िया कैसे जाए बुढा तो उसे अकेला छोड़ता ही नहीं।
तब बुढ़िया ने कुछ सोचा उसने बुढे से कहा चलो जी आज हम छुप्पन-छुप्पआई खेलते हैं। तुम छुपो मैं तुम्हें ढूंढूगीं।बुढा जाकर छुप गया। बुढ़िया जल्दी से दुसरे कमरे में गई वहां से उसने अपना बक्सा उठाया। और जल्दी से अपनी मां के घर पंहुच गई। अपनी मां के घर पंहुचकर, जैसे ही उसने बक्सा खोला बुढा बोला ''धप्पा''