शरीर से छुड़ा देंगे जंग सारा, अगर कोई नजर आया मल्हारगंज दोबारा
दिल मे बैठा देंगे बेटा इतना खौफ, अगर तुम आ गए सुभाष चौक
मार मार के कर देंगे टांगे मोटी। एक बार तशरीफ़ तो लाओ बड़ वाली चौकी
पुलिस खड़ी है डगर डगर, आ मत जाना तिलक नगर
लठ सज़ा रखे हैं हर एक मोड़ पर। निकलो तो सही बेटा मॉर्निंग वॉक पर।
घर वाले भी न पहचान पाएंगे, अगर आप पलासिया की तरफ आएंगे
उतार देंगे शरीर की सारी गरमी-ठंडी, आना मत बेटा सब्जी मंडी
निकाल देंगे सारी हेकड़ी , खजूरी बाजार चौराहे पर है पुलिस खड़ी
लंगड़ाते जाओगे अपने घर की डगर, जो एम ओ जी लाइंस में आओगे नजर।।
खुल जाएगा शरीर का हर एक कपाट.... जो नजर आ गए कड़ाव घाट ...
तोड़ देंगे दिल की हर एक उमंग , भूल कर भी न आना सियागंज
तोड़ देंगे शरीर का कोना-कोना, जहाँ भी दिख गए जानू और शोना.....