दोनों फिर बेवकूफों की तरह विदेशी का चेहरा देखते रहे।
तीसरी बार विदेशी ने वही प्रश्न उनसे रूस की भाषा रशियन में पूछा।
दोनों फिर वैसे ही उसका चेहरा ताकते रहे।
आखिर तंग आकर विदेशी चला गया। उसके जाने के बाद पोंचू, घोंचू से बोला, 'यार घोंचू, हम लोगों को भी अपनी भाषा के अलावा कोई दूसरी भाषा सीखनी चाहिए। हमारे काम आएगी।'