औरत बोली, बच्चा बीमार है और दवा के लिए पैसे नहीं हैं।
गुप्ता जी ने जेब से 1,000 का नोट दिया और कहा कि जाओ, जाकर दवाई ले आओ और बच्चे के लिए कुछ खाना और दूध भी ले लेना। बाकी जो बचे, मुझे लाकर लौटा देना, मैं यहीं खड़ा हूं।
गुप्ता जी बड़े खुश हुए और सोचने लगे कि नेकी कभी बेकार नहीं जाती। डॉक्टर को फीस भी मिल गई, बच्चे को दवा, दूध और खाना भी मिल गया और मेरा नकली नोट भी चल गया।