गुप्ता जी : मैंने कहा, एक चुटकुला सुनो।
*चुटकुला*
एक सन्यासी मन्दिर में सो रहा था। रात को एक सुंदरी आकर उसके पास लेट गई।
सुबह को सन्यासी पछताया।
जाकर अपने गुरु से पूछा : बताइए, प्रायश्चित कैसे होगा ?
गुरु ने पूछा : तुमने सुन्दरी के साथ कुछ किया भी था ?
गुरु ने कहा : इसलिए कि तुम गधे हो।
*(समाप्त)*
गुप्ता जी : मेरी पड़ोसन खूब हंसी। बहुत देर बाद हम दोनों उठकर जाने लगे। जाते-जाते उसने मुझे 100 रुपए दिए।