यह सोचता हूं मैं कब से गुमसुम
जबकि मुझको भी यह खबर है
कि तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो
मगर यह दिल है कि कह रहा है
कि तुम नहीं हो, यहाँ नहीं हो।
मजबूर यह हालत
मन में भी है तन में भी
क्यूँ दिल में सुलगते रहें, लोगों को बता दें
हाँ हमको मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत है
अपने मोटापे से हमको मोहब्बत है!
व्हाट्स एप्प यूनिवर्सिटी साभार, उनके लिए जो कैलरीज बर्न कम करते हैं और अर्न भरपूर कर लेते हैं