इसी बीच
एक और व्यक्ति भी आ गया मेरे पीछे......
उसको शायद जल्दी थी या बहुत से लोगों की तरह रौब झाड़ना चाहता था......
तन्दूर वाले से उसने दो तीन बार जल्दी रोटी लगाने को कहा..
लेकिन तन्दूर वाले ने उसकी बात सुनी अनसुनी कर दी..
फिर उसने और गुस्से से रोटी लगाने को कहा..
जिसके जवाब में रोटी वाले ने जो एतिहासिक बात कही,
फिर मुझ समेत किसी की भी हिम्मत ना हुई कि उसे जल्दी रोटी लगाने को बोले.
तन्दूर वाले ने कहा:- सब्र कर ले मामा.....?