एक दिन एक बहुत बड़े कजूंस सेठ के घर में कोई मेहमान आया!!
कजूंस ने अपने बेटे से कहा,
तो पिताजी फिर मैंने सोचा कि पानी तो अपने घर पर ही है और मैं चला आया खाली हाथ।
कंजूस बहुत खुश हुआ और अपने बेटे को शाबासी दी। लेकिन तभी उसके मन में कुछ शंका उत्पन्न हुई।
"लेकिन बेटे तू इतनी देर घूम कर आया। चप्पल तो घिस गई होंगी।"
"पिताजी ये तो उस मेहमान की चप्पल हैं जो घर पर आया है।"