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...और बहुत सारी औरतें उससे उधार सब्जियां ले लेती थी,
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बेचारा वो सीधा-सादा पुरुष, चुपचाप बिना किसी नखरे के उनको सब्जियां दे देता था।
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पर हैरानी की बात यह थी कि वो किसी का भी नाम नहीं जानता था...
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पर हां, पूछने पर सबको बिल्कुल सही हिसाब-किताब बता देता था।
एक दिन कुछ औरतों ने मिलकर उसकी कॉपी छुपा ली,
...सिर्फ यह देखने के लिए कि वह हिसाब-किताब कैसे रखता है ??