धर्म के प्रति अटल बिहारी वाजपेयी की आस्था कम नहीं रही। देशभक्ति को भी उन्होंने अपना धर्म माना। वे हमारे ग्रंथों को उन्होंने प्रेरणा के रूप में देखा है और हमारी परंपराओं को सम्मान के रूप में। जीवनदर्शन भी सदैव उनके विचारों में नजर आया। हालांकि वे धर्म की कट्टरता में विश्वास नहीं रखते लेकिन उन्हें अपने हिन्दू होने पर हमेशा ही गर्व रहा -
5 अहिंसा की भावना उसी में होती है, जिसकी उरात्मा में सत्य बैठा होता है, जो समभाव से सभी को देखता है। - अटल बिहारी वाजपेयी
6 सभ्यता कलेवर है, संस्कृति उसका अन्तरंग। सभ्यता सूल होती है, संस्कृति सूक्ष्म । सभ्यता समय के साथ बदलती है, किंतु संस्कृति अधिक स्थायी होती है। -अटल बिहारी वाजपेयी