क्षितिज संस्था के तत्वाधान में दिनांक 24 नवंबर को मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में द्वितीय अखिल भारतीय लघुकथा सम्मान आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम चार विभिन्न सत्रों में आयोजित हुआ। प्रथम उद्घाटन सत्र था। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार नर्मदा प्रसाद उपाध्याय ने की, मंच पर क्षितिज साहित्य संस्था के अध्यक्ष सतीश राठी, सूर्यकांत नागर, सुकेश साहनी, श्याम सुंदर अग्रवाल, माधव नागदा, कुणाल शर्मा उपस्थित थे।
स्वागत भाषण सतीश राठी ने दिया व संस्था के इतिहास व कार्यों से परिचित करवाया। साथ ही अतिथियों के कार्यों से भी अवगत कराया। इस सत्र में नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को कला साहित्य सृजन सम्मान 2019, लघुकथा सम्मान 2019 हीरालाल नागर को, लघुकथा शिखर सम्मान 2019 सुकेश साहनी को, लघुकथा सेतु शिखर सम्मान 2019 श्याम सुंदर अग्रवाल को, लघुकथा समालोचना सम्मान 2019 माधव नागदा को, लघुकथा नवलेखन सम्मान 2019 से कुणाल शर्मा को सम्मानित किया गया।
इस सत्र में पुस्तकों का विमोचन भी हुआ, इसी श्रृंखला में क्षितिज पत्रिका का विमोचन सर्वप्रथम हुआ। क्षितिज सार्थक लघुकथाएं, शिखर पर बैठ कर साझा लघुकथा संग्रह, सुकेश साहनी का सायबर मैन, भागीरथ परिहार की कथा शिल्पी सुकेश साहनी की सृजन चेतना, ज्योति जैन के जलतरंग का अंग्रेजी अनुवाद, डॉ अश्विनी कुमार दुबे जी गजल संग्रह कुछ अशहार हमारे भी, चरण सिंह अमी की पुस्तक हिन्दी सिनेमा के अग्रज, बृजेश कानूनगो की दो पुस्तकें रात नौ बजे का इंद्रधनुष व अनुगमन का विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम में 11 पुस्तकों का विमोचन हुआ।
अतिथियों का स्वागत डॉ पुरुषोत्तम दुबे, अरविंद ओझा, डॉ अश्विनी कुमार दुबे, योगेंद्र नाथ शुक्ल, श्रीमती आशा गंगा शिरढोनकर, प्रदीप नवीन ने किया। प्रथम सत्र का संचालन श्रीमती अंतरा करवड़े ने किया, सरस्वती वंदना विनीता शर्मा ने प्रस्तुत की।