जयपुर में आयोजित हुए जयपुर साहित्य उत्सव में हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक और युवा रचनाकार प्रभात रंजन को, द्वारका प्रसाद अग्रवाल भास्कर युवा लेखक सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रभात रंजन को यह पुरस्कार उनके लोकप्रिय हिन्दी उपन्यास कोठागोई के लिए भास्कर समूह द्वारा प्रदान किया गया, जो वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया था।
पुरस्कार की घोषणा के बाद इस संबंध में प्रभात रंजन द्वारा प्रतिक्रिया भी दी गई। उन्होंने इस पुरस्कार को समस्त युवा रचनाशीलता का सम्मान बताते हुए कहा, कि हाल ही के वर्षों में युवा लेखकों ने जिस तरह से अपनी पहचान बनाई है, यह उन प्रतिभाओं का सम्मान है। उनका कहना था कि यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि साहित्य लेखन में युवाओं की जमीन पुख्ता हुई है। यह सम्मान मैं समस्त युवा लेखकों को समर्पित करता हूं।
उल्लेखनीय है कि प्रभात रंजन द्वारा लिखित यह उपन्यास, साल 2015 के सबसे चर्चित किताबों में शामिल रहा। उपन्यास के नाम से होने वाले भ्रम को तोड़ते हुए इसमें कोशिश की गई थी, कि लखनऊ के अलावा, मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज इलाके से निकली श्रेष्ठतम गायन परंपरा को सही परिप्रेक्ष्य में समझा जाए। प्रभात कहते हैं - खत्म हो रहा है सब कुछ लेकिन जो बीत गया है, उस सुनहरे दौर का सम्मान किया जाना बेहद जरूरी है। इस भ्रांति को परे रखकर, कि कोठा सिर्फ नाचने गाने की जगह है।