उन्होंने कहा कि प्रदीप चौबे मंच के प्रथम श्रेणी के हास्य कवि रहे हैं। उनकी कई रचनाएं प्रसिद्ध हैं जिनमें 'आलपिन', 'खुदा गायब है', 'चुटकुले उदास हैं' और 'हल्के-फुल्के' शामिल हैं।
मूलत: आगरा के रहने वाले चौबे के परिवार में उनकी पत्नी एवं एक पुत्र हैं। 2 महीने पहले उनके दूसरे पुत्र का निधन भोपाल में हो गया था, उससे वे गहरे सदमे में थे। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को ग्वालियर में होगा।
हास्य कवि होने के साथ प्रदीप चौबे पहले देना बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन कवि सम्मेलनों की व्यस्तता के कारण उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी और पूरा समय कविताओं को देने लगे। उनके बड़े भाई शैल चतुर्वेदी भी हास्य कवि रहे हैं। (भाषा)