इंदौर के सख्त लॉकडाउन का पालन करते हुए वामा की सखियाँ मिली गूगल मीट पर।
सदस्यों ने देश भर की 25 नदियां सूचीबद्ध की और प्रत्येक सदस्य ने एक नदी का चयन कर उसके पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हुए उस पर अपनी एकल रचना प्रस्तुत की...किसी ने कविता के माध्यम से,किसी ने लघुकथा के द्वारा,किसी ने कहानी से तो किसी ने लेख,संस्मरण,पत्र,अनुभव,आत्मकथ्य या ललित निबंध के जरिए अपनी बात अभिव्यक्त की....
सदस्यों ने हर नदी का उद्गम स्थल,लंबाई, मार्ग,मुहाना आदि तथ्यात्मक जानकारी अत्यंत खूबसूरती से बुनी और विविध विधाओं से नदी का चित्रण किया। आरंभ में सरस्वती वंदना की जगह नदियों पर वंदना प्रस्तुत की निकिता गौर ने।
इस कार्यक्रम में अपनी प्रतिभागिता दी
1.गरिमा दुबे-नर्मदा,2.कोमल रामचंदानी-गंगा, 3.उषा गुप्ता-कालीसिंध, 4.सरला मेहता-क्षिप्रा, 5.अनीता जोशी-यमुना, 6.शारदा मंडलोई-ताप्ती,7.निरुपमा त्रिवेदी-चम्बल,8.आशा गर्ग-अलकनंदा,9.हंसा मेहता-सरयू,10.ज्योति जैन-ब्रह्मपुत्र, 11.अंजू श्रीवास्तव- सोनभद्र,12.चंद्रकला जैन-चिनाब,13.प्रतिभा जैन- सरस्वती, 14.किसलय पंचोली-तुंगभद्रा,15.शीरीन-ताप्ती,16.निरुपमा नागर-तीस्ता,17.रुपाली पाटनी-सतलज,18.मंजू व्यास-कोसी,19.सारिका सिंघानिया-महानदी,20.प्रीति दुबे-भागीरथी,21. बकुला पारेख- पेरियार नदी, 22.मंजिरी निधि-झेलम, 23 माधवी तारे-मां नर्मदा पर गीत.....