×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
ज्योतिष 2025
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र
झारखंड
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
ज्योतिष 2025
बॉलीवुड
धर्म-संसार
लाइफ स्टाइल
ज्योतिष
क्रिकेट
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
विधानसभा चुनाव
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
मणिपुर घटना पर कविता : आंख का पानी मर चुका है
स्मृति आदित्य
बहुत तृप्त हुए होंगे ना
उससे पहले निर्लज्ज हुए होंगे ना
क्या मिला तुम्हें
वस्त्रहीना स्त्री में
निर्वस्त्र नारी में
एक देह, एक शरीर, एक हांड़ मांस का पुतला...
फिर अट्टाहास किए होंगे
परिहास और उपहास किए होंगे
एक बार सोचना कहां है
वह वस्त्रहीना स्त्रियां अभी
क्या कर रही होंगी
क्या सोच रही होंगी
आंसू, क्रोध और शर्म से
किस किस को कोस रही होंगी
नहीं
तुम नहीं सोच सकोगे
तुम नहीं जान सकोगे
भीतर कितनी किरचें बिखरी होंगी
उम्मीदों की कितनी किरणें बुझी होगी
मर जाने या मार देने की बातें भी सुझी होंगी
तुम नहीं जानते
तुमने इस धरती की उस बेल के पत्ते उतारे हैं
जिसमें जीवनरस बहा था
जिसने तुम्हें धरा पर लाने को
ना जाने क्या क्या सहा था
तुमने एक दो या तीन स्त्रियां
वस्त्रहीन नहीं की
जीवन के पांच तत्वों को नग्न किया है
वस्त्रहीना वह स्त्रियां
धरा, आकाश, समीर, अग्नि और नीर है
और आज
धरा चुप है
आकाश बरस रहा है
समीर मंद है
अग्नि प्रचंड है
और नीर
नीर तो इन सबकी आंखों में है....
वह अब हममें कहां बचा है
हमारी आंख का पानी बहुत पहले मर चुका है
बचा हुआ बह बह कर थक चुका है....
एक कहावत है शर्म से पानी पानी होना
जो किताबों में दुबक रही है ... और
उस घर की इज्जत आज हर घर में सुबक रही है...
ALSO READ:
मणिपुर घटना पर कविता : रहोगे तो तुम वहशी दरिंदे
ALSO READ:
Manipur: कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते?
ALSO READ:
Manipur Violence : याद रखना, नग्न स्त्रियां खूंखार हो जाती हैं...
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
मणिपुर घटना पर कविता : रहोगे तो तुम वहशी दरिंदे
Manipur: कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते?
मणिपुर मामले में बोले सीएम एन बीरेन सिंह, दोषियों को मौत की सजा पर विचार
मणिपुर की घटना पर शर्मसार देश, मोदी ने तोड़ी चुप्पी, संसद से सड़क तक फूटा आक्रोश
Manipur Violence : याद रखना, नग्न स्त्रियां खूंखार हो जाती हैं...
जरुर पढ़ें
सर्दियों में बहुत गुणकारी है इन हरे पत्तों की चटनी, सेहत को मिलेंगे बेजोड़ फायदे
2024 में ऑनलाइन डेटिंग का जलवा : जानें कौन से ऐप्स और ट्रेंड्स रहे हिट
ये थे साल 2024 के फेमस डेटिंग टर्म्स : जानिए किस तरह बदली रिश्तों की परिभाषा
सर्दियों में इन 4 अंगों पर लगाएं घी, सेहत को मिलेंगे गजब के फायदे
सर्दियों में पानी में उबालकर पिएं ये एक चीज, सेहत के लिए है वरदान
नवीनतम
बालों की खोई चमक लौटाएगा शहतूत का हेयर मास्क: जानें बनाने का तरीका और फायदे
चेहरे की रंगत लौटाने के लिए सर्दियों में लगाएं ये तेल, मालिश से खिल उठेगा चेहरा, इन 3 तरीकों से करें इस्तेमाल
अगर आपने भी नए साल में लिया है वजन घटाने का संकल्प तो ये 4 विटामिन्स डाइट में आज ही करें शामिल
New Year Resolution 2025: नए साल में अपने वेट लॉस गोल को रियलिटी बनाएं, अपनाएं डाइटिशियन के बताए ये 7 टिप्स
क्या कपूर और अजवाइन की पोटली का बच्चों पर इस्तेमाल है सुरक्षित? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
ऐप में देखें
x