विशेष कविता : विकास पुरुष मोदीजी

डॉ रामकृष्ण सिंगी 
 
हर दिल में विकास की ललक जगाई किसने ?
नीतियों को परिष्कृत करके संवारा किसने ?
विश्व के मंच पर गुमसुम खड़े एक कोने में,
गुमनामी से भारत को उबारा किसने ?।।1।।
 
काले धन वालों पर प्रभावी लगाम कसी किसने ?
जी. एस. टी. सा कर सुधार लाया कौन ?
विश्वभर में फैले समर्थ भारतीयों में 
आत्मविश्वास, गौरवभाव जगा आया कौन ?।।2।।

चौबीस घंटे अनवरत देश को समर्पित जिसके,
'या निशा सर्वभूतानां तस्यां जागर्ति संयमी।'
देश सेवा में रत पहले दिन से आज तक,
जिसकी लगन, उत्साह में आई क्या कमी।।3।। 
 
कौन है वह जिसके आत्मीय प्रशंसक,
करोड़ों की तादाद  में घर-घर में हैं। 
जिसके समर्पण,कर्तव्यनिष्ठता, कुछ कर जानें की लगन,
के अनुसरण की चाह हर जिगर में है।।4।।
 
अवतारनुमा उभरती हैं ऐसी शख्सियतें 
'एकला चल' कर अपनी धुन में जो कर जाती हैं। 
उनके कार्यों की, उपलब्धियों की अमर खुशबू,
शाश्वत प्रेरणा बन पीढ़ियों पर बिखर जाती है।।5।।

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