×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
नवरात्रि
IPL 2025
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
इंदौर
मध्यप्रदेश
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
ज्योतिष 2025
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
नवरात्रि
IPL 2025
बॉलीवुड
धर्म-संसार
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
ज्योतिष
धर्म संग्रह
इंदौर
मध्यप्रदेश
क्रिकेट
ज्योतिष 2025
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
कविता : श्रीराम होना चाहिए
WD Feature Desk
मंगलवार, 16 अप्रैल 2024 (19:20 IST)
-
विवेक कुमार शर्मा
कोई राम बनके जीना,
इतना सरल नहीं है।
पल पल कठिन परीक्षा,
और त्याग भी वही है।
करे इनका सामना वो
श्रीराम होना चाहिए।
कल्याण करने जग का,
धरती पे गंगा लाए है।
प्राणों को अपने देकर,
वचनों को भी निभाए है।
ऐसे कुल के दीप को,
श्रीराम होना चाहिए।
दुष्टों के अनाचार से,
सतजनों को बचाते हैं।
पाषाण को भी प्राण दे,
साबरी के बेर खाते हैं।
ऐसे भक्त वत्सल को,
श्रीराम होना चाहिए।
राजपद का त्याग कर,
तृण घास पर सो जाते हैं।
पितृ आज्ञा मान कर,
वनवास को भी जाते हैं।
ऐसे ही पितृभक्त को,
श्रीराम होना चाहिए।
बंधु, सखा, पुत्र, राज,
धर्म सब निभाते हैं।
समदर्शी भाव धरे,
सम्मान सबको देते हैं।
ऐसे ही प्रजापालक को,
श्री राम होना चाहिए।
मार्ग छोड़ने हेतु,
सिंधु राज को मनाते हैं।
युद्ध यदि टल जाए,
शत्रु को भी समझाते हैं।
ऐसे धीर धन्वी को,
श्री राम होना चाहिए।
नारायण होकर भी वे,
मर्यादा में ही रहते हैं।
साधारण मानव के जैसे,
कष्ट सभी कुछ सहते हैं।
ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम,
श्रीराम होना चाहिए।
शाश्वत है अपने राघव,
रावण तो आना जाना है।
दानव दलन है निश्चित,
खुद देवता हो जाना है।
बस, जीवंत अपने उर में,
श्रीराम होना चाहिए।
विवेक कुमार शर्मा (शिक्षक)
शास.अहिल्या आश्रम कन्या उ.मा.विद्यालय क्र. 2 इंदौर
ALSO READ:
Hanuman jayanti: हनुमान जन्मोत्सव की कहानी
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
सपना साहू 'स्वप्निल' ने फिर बनाया एकल विश्व कीर्तिमान
21 मार्च: विश्व कविता दिवस आज, जानें कविताएं हमसे क्या चाहती हैं?
उपन्यास के बहाने प्रेम पर चर्चा व प्रेम केन्द्रित कविताओं का पाठ
बदल गई हैं औरतें!....महिला दिवस पर पढ़ें विशेष कविता
विश्व महिला दिवस पर कविता : नारी है अनमोल
जरुर पढ़ें
अपनों का दिन बनाएं मंगलमय, भेजें सुन्दर आध्यात्मिक सुप्रभात् संदेश
रात को शहद में भिगोकर रख दें यह एक चीज, सुबह खाने से मिलेंगे सेहत को अनगिनत फायदे
इम्युनिटी बढ़ाने के साथ दिन भर तरोताजा रखेंगे ये गोल्डन आइस क्यूब, जानिए कैसे तैयार करें
कॉर्टिसोल हार्मोन को दुरुस्त करने के लिए डाईट में शामिल करें ये 4 चीजें, स्ट्रेस को कहें बाय-बाय
क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई
नवीनतम
अपने बेटे के व्यक्तित्व में चाहते हैं भगवान राम के गुण तो दीजिए उसे श्री राम से जुड़े ये सुन्दर नाम
वजन घटाने से लेकर दिल की सेहत तक, जानिए क्यों फायदेमंद है ब्रिस्क वॉकिंग
जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक
क्या नेपाल भी सैन्य शासन की ओर बढ़ रहा है?
ब्लैकहेड्स हटाने के 7 आसान उपाय, मिनटों में पाएं साफ और चमकदार त्वचा
ऐप में देखें
x