कहते हैं कि जो खानदानी रईस होता है वह विनम्र होता है और वह अपने परिवार एवं रिश्तेदारों की इज्जत करता है। लेकिन ऐसे कई लोग हैं तो रातोरात धनवान बन जाते हैं और फिर अपना आपा खो देते हैं। अक्सर जो नवधनाड्य अर्थात नए-नए अमीर बने लोग हैं वे ज्यादा एटिट्यूट या अकड़ दिखाते हैं। उन्हें पांखंडी कहा जाता है। उनमें से कई तो समझदार भी होते हैं लेकिन कुछ तो इस कहानी के युवक की तरह होते हैं।
दुर्बलता के चलते कोई उसका साथ नहीं देता था। नए मित्र भी साथ छोड़कर जाने लगे क्योंकि सभी पैसे के प्रेमी थे। अकेलेपन और दुर्बलता के कारण उसकी चिंता और बढ़ने लगी। जीवन से सुकून चला गया, नींद फिर उड़ गई। सोचने लगा, इससे तो पहले की जिंदगी अच्छी थी।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि आपके पास अचानकर से कहीं धन आ जाए तो आप अपना संयम ना खोएं और समझदारी से काम लें। कहते हैं कि धन के साथ ज्ञान नहीं है तो धन की उपयोगिता व्यर्थ ही सिद्ध होगी। ऐसा धन किसी के भी काम नहीं आता है। दूसरी शिक्षा यह कि जो धन मेहनत से प्राप्त होता है उसमें जो संतोष एवं आनंद मिलता है उसका कोई तोड़ नहीं।