किसी गांव में एक धनवान रहता था। उसके पास काफी धन-संपत्ति थी, मगर उसका कोई वारिस नहीं था। तब उसने गांव में घोषणा करवा दी कि जो व्यक्ति दिन-रात उसका गुणगान करेगा, उसे वह अपनी सारी संपत्ति दे देगा। यह सुनते ही गांव में हर जगह लोग उसका गुणगान करने लगे, लेकिन एक युवक ऐसा भी था, जिसे इन सबसे कोई मतलब नहीं था।
युवक बोला- क्षमा करें, आपकी संपत्ति का मेरे लिए कोई मोल नहीं है। मुझे ईश्वर की कृपा और मेरी मेहनत से जो भी मिला है, उसी में मुझे संतोष है। मैं आपका झूठा गुणगान करके स्वयं की नजरों में नहीं गिरना चाहता। धनवान उससे बेहद प्रभावित हुआ। उसने कहा- मैं ऐसे ही व्यक्ति की तलाश में था। तुम ही मेरे वारिस बनोगे।