Tulsi murjha jaye to kya karen : तुलसी के पौथे की देखरेख बहुत ही सावधानी से करना होती है अन्यथा यह पौधा जल्दी ही मुरझाकर खत्म हो जाता है। कई बार तुलसी लगाने के बाद भी वह सुख जाती है तो इसके कारण भी जान लेना चाहिए। यदि आपकी तुलसी बार बार सुख रही है तो आजमाएं 5 उपाय।
1. उचित मात्रा में डालें जल : तुलसी में जल न कम और न ही ज्यादाल डालें। यदि ज्यादा मात्रा में जल अर्पण किया तो पौधा समाप्त हो जाएगा और कम मात्रा में भी। कम फिर भी चल जाएगा परंतु ज्यादा नहीं। वैसे यदि एक दिन छोड़कर भी आप पानी अर्पण करेंगे तो चलेगा। बारिश में तो सप्ताह में दो बार ही डालें। ज्यादा पानी से जड़े गल जाती है या उसमें फंगस लग जाता है। रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करते हैं।
2. तुलसी की मंजरियां : समय समय पर तुलसी की मंजरियों को तोड़कर तुलसी से अलग करते रहें अन्यथा तुलसी बीमार होकर सूख जाएगी। हालांकि मंजरी को कब तोड़ना है यह किसी माली से पूछ लें। तुसली पत्ता, दल या मंजरी तोड़ने से पहले तुलसी जी की आज्ञा लेना जरूरी है। रविवार और एकादशी को यह कार्य नहीं करना चाहिए। नाखुनों से तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए।
3. तुलसी को रखें पवित्र : वह महिलाएं तुलसी माता से दूर रहें जिन्हें पीरियड चल रहे हैं। यदि वे तुलसी के आसपास भी होंगी तो तुलसी मुरझाकर मर जाएगी। अत: इस बात का विशेष ध्यान रखें। पुरुष भी बगैर स्नान किए तुलसी को न छूएं। तुलसी माता के आसपास वस्त्रों को ना सुखाएं। गिले वस्त्रों के आसपास से साबुन की गंध और सफेद किस्म के कीड़े या बैक्टिरिया रहते हैं जिनके कारण तुलसी को भी कीड़े लग सकते हैं। ऐसा अक्सर देखा गया है कि कपड़ों के कारण तुलसी में कीड़े लगे और वह सड़कर, काली पड़कर खतम हो गई।
4. उचित वातावरण : तुलसी के पौधे को मौसम की मार से भी बचा कर रखना चाहिए। ज्यादा ठंड या गर्मी से तुलसी समाप्त हो जाती है। इसलिए ठंड में तुलसी माता के आसपास कपड़े या कांच का कवर लगाया जा सकता है। तेज धूप और बारिश से भी तुलसी को बचाकर रखें। तुलसी को ऐसी जगह रखें जहां पर वातावरण सही हो।
5. साफ सुथरी मिट्टी : तुलसी के पौधे की मिट्टी साफ सुथरी रखें। इसके आसपास जमी हुई मिट्टी नहीं होना चाहिए। इसीलिए इसे थोड़ा-थोड़ा खोदकर उथली मिट्टी बनाकर रखें। गमले में 70% मिट्टी और 30% रेत को अच्छी तरह मिलाकर डालें और इसमें तुलसी का पौधा लगाएं। तुसली के पौधे में अच्छी खाद का उपयोग करें। खाद प्राकृतिक या जैविक होना चाहिए। घर में भी खाद बना सकते हैं जिसमें नीम के पत्तों का भी उपयोग करना चाहिए। गाय के गोबर को सूखाकर तुलसी के पौधे में डाल सकते हैं।
तुलसी को जिस गमले में लगा रहे हैं वह बड़ा, चौड़ा और मजबूत होना चाहिए। इसके बाद आप उसमें नीचे 2 बड़े छेद करें। इसके बाद नीचे एक कागज रखकर उसमें खाद वाली मिट्टी मिलाएं। बाद में तुलसी का पौधा लगाएं। तुलसी को हरा भरा रखने के लिए एक लीटर पानी में सिर्फ एक चम्मच gypsum salt लेकर पौधे की पत्तियों और मिट्टी में छिड़कें। इससे पौधा बहुत हरा-भरा रहेगा। पौधे में अगर कीड़े लग रहे हैं तो उसपर नीम ऑयल स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं।