विभाजन का दर्द : सिंध और पंजाब में हिन्दू और सिख बहुमत में थे इसके बावजूद दोनों प्रांतों को विभाजन की त्रासदी झेलना पड़ी। दूसरी ओर समूचे बंगाल की बात करें तो हिन्दू बहुसंख्यक थे लेकिन पूर्वी बंगाल में मुस्लिम शासक थे। उन शासकों ने मुहम्मद अली जिन्नाह के इशारे पर दंगे कराकर दबाव बनाया और बंगाल विाभजन के बीज बोए। विभाजन का सबसे ज्यादा दर्द झेला कश्मीर, बंगाल, पंजाब और सिंध के हिन्दू, ईसाई, बौद्ध और शिया मुसलमानों ने। लाखों सिंधियों का कत्लेआम किया गया। उनकी औरतों और संपत्तियों को छीन लिया गया। जो लोग भाग सकते थे वे भाग गए और जो लोग छुप सकते थे वे छुप गए लेकिन उस वक्त बाकियों के पास मरने या इस्लाम कबूल करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
ALSO READ: 15th August 2024 : भारत विभाजन का क्या था 'माउंटबेटन प्लान'?