Holi 2022: 7 मार्च को होलिका दहन, 8 मार्च को धुलेंडी और 12 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। होली पर रंगों का खासा महत्व रहता है। रंग का हमारे जीवन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। होली के दिन रंगों से होली तो खेलते ही हैं साथ ही होली के डांडा के आसपास और घरों में रंगोली बनाई जाती है। आओ जानते हैं कि होली पर रंगों से कैसे बदल सकते हैं जीवन और कैसे दूर होगा वास्तु दोष।
रंगोली : होली के दिन होलिका दहन के आसपास और घर के बाहर रंगोली बनाने का प्रचलन है। होली का डांडा जहां गाड़ा जाता है वहां और घर के द्वार के बाहर और भीतर रंगोली बनाते हैं। रंगोली बनाने के लिए पीला, गुलाबी, हरा और लाल रंग का उपयोग करें क्योंकि ये रंग मां लक्ष्मी को प्रिय है। इससे उनकी कृपा बनी रहेगी और घर का वास्तु दोष भी दूर होगा।
गृह दोष दूर करने हेतु : गृह दोष दूर कर घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाने के लिए होली के दिन घर के बाहर हमें हल्के नीले, सफेद, पीले, नारंगी, क्रीम आदि लाइट रंगों का उपयोग करना चाहिए परंतु घर के भीतर हर कमरे और उसकी दीवारों का रंग तो वास्तु अनुसार ही चयन करना चाहिए, क्योंकि रंगों का हमारे जीवन पर बहुत ज्यादा असर होता है। दीवारों के रंगों के अनुसार ही घर के पर्दे, चादर और तकियों का रंग भी होना चाहिए। यदि आप इसका ध्यान रखते हैं तो आने वाली बहुत-सी परेशानियों से बच जाएंगे।
गृह दिशा : होली के दिन घर की दिशा के अनुसार गुलाल या रंगों का उपयोग करें। जैसे यदि आपका मकान पूर्वमुखी है तो लाल, हरा, गुलाबी, नारंगी रंग का उपयोग करें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। यदि उतरमुखी भवन है तो आसमानी, पीला और नीले रंग प्रयोग कर सकते हैं। इससे घर में उन्नति और नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।