खिड़कियों का चुनाव कैसे करें?

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खिड़कियाँ घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। घर का शायद ही कोई ऐसा कमरा हो, जिसमें खिड़कियाँ न बनाई गई हों। खिड़कियाँ घर में रोशनी एवं हवा के लिए बनाई जाती हैं और ये घर को आकर्षक भी बनाती हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार खिड़की का स्थान भी घर की उन्नति, खुशहाली में बहुत महत्वपूर्ण होता है। कमरे में खिड़कियों की संख्या, आकार एवं स्थान कई महत्वपूर्ण बातों जैसे कमरे का स्थान, कमरे का आकार इत्यादि पर निर्भर करता है। उस क्षेत्र का तापमान, वातावरण आदि बातों को ध्यान में रखते हुए भी खिड़की का चुनाव किया जाना चाहिए।

* कुल फर्श के 10 से 20 प्रतिशत भाग तक खिड़की का क्षेत्रफल होना चाहिए।

* गर्म स्थानों पर इसका क्षेत्रफल 10 से 15 प्रतिशत तक होना चाहिए।

* सार्वजनिक स्थानों जैसे ऑफिस, फैक्टरी, स्कूल इत्यादि जगह पर खिड़की का कम से कम क्षेत्रफल 20 प्रतिशत होना चाहिए।

* खिड़कियाँ कई तरह की होती हैं, जैसे पाइवोटेड खिड़की, केसमेंट खिड़की इत्यादि। खिड़की की पसंद उस क्षेत्र के वातावरण, तापमान, कार्य आदि पर निर्भर करती है।

खिड़कियाँ घर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। इन कुछ टिप्स को ध्यान में रखकर कमरे में खिड़की का चुनाव करें-

* कमरे में उपयुक्त रोशनी एवं हवा के लिए खिड़कियों की संख्या कमरे के आकार के अनुसार होनी चाहिए।

* खिड़कियाँ एक-दूसरे से विपरीत दिशा में होनी चाहिए।

* खिड़की फर्श से 75-100 से.मी. की ऊँचाई पर होनी चाहिए।

* खिड़की बाहर की ओर बंद करने वाली होनी चाहिए। इससे बारिश में पानी अंदर आने की संभावना नही होती।

* खिड़की के बाहरी दीवार पर छज्जा होना चाहिए, उससे भी पानी अंदर आने की संभावना नहीं रहती।

वास्तुशास्त्र के अनुसार अधिकांशतः खिड़कियाँ एवं रोशनदान घर के पूर्वी और उत्तरी दिशा में होना चाहिए। खिड़की दीवार के कॉर्नर से सटी हुई नहीं होनी चाहिए। दीवार के कॉर्नर से लगभग 6 इंच की दूरी पर होनी चाहिए। खिड़की जिससे बनी होती है, वह मटेरियल दरवाजे के मटेरियल से मिलता-जुलता होना चाहिए, जिससे वे अच्छा लुक देंगी। जहाँ तक संभव हो कमरे के दरवाजे से विपरीत दिशा में ही खिड़की बनवाएँ। इस प्रकार इन बातों को ध्यान में रखकर खिड़कियों को बनवाएँ तो आप भी अपने घर को और ज्यादा आकर्षक बना सकते हैं और आरामदायक भी।

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