आँवले के घरेलू प्रयोग

ताजे आँवले जो खूब अच्छे पके और बड़े आकार के हों, बिना दाग वाले हों इकट्ठा कीजिए। जितने अधिक से अधिक आँवले इकट्ठे कर सकें कीजिए, क्योंकि ये खराब तो होते नहीं। आप इन्हें सुखाकर रख सकते हैं।

आँवलों को बड़े सरोते से काटकर इसकी गुठली निकाल दें और धूप में सुखाकर बोरे में या कनस्तरों में भरकर रख लीजिए। अच्छी तरह सूखा आँवला खराब नहीं होगा।

* एक साबुत आँवला दाल या शाक बनते समय शुरू से ही डाल दीजिए तो यह दाल-शाक बनने के दौरान पक जाएगा। आँवले को ठण्डा होने पर मसलकर इसमें शकर या मिश्री मिलाकर भोजन के साथ शाक की तरह खाते जाइए। इस प्रकार आप एक आँवला प्रतिदिन भोजन के साथ तब तक खाते रहिए जब तक आपको हरा व ताजा आँवला मिलता रहे।

आँवले के अन्य लाभ : नेत्र ज्योति बढ़ना, बाल मजबूत होना, सिर दर्द दूर होना, चक्कर, नकसीर, दाँत-मसूड़ों की खराबी दूर होना, कब्ज, रक्त विकार, चर्म रोग, पाचन शक्ति में खराबी, रक्ताल्पता, बल-वीर्य में कमी, बेवक्त बुढ़ापे के लक्षण प्रकट होना, फेफड़ों की खराबी, श्वास रोग, क्षय, दौर्बल्य, पेट कृमि, यकृत की कमजोरी व खराबी, स्वप्नदोष, धातु विकार, हृदय विकार, उदर विकार, मूत्र विकार आदि अनेक व्याधियों के घटाटोप को दूर करने के लिए अकेला आँवला ही काफी है।

बस लगातार नियमपूर्वक 1 या 2 आँवले रोज खाना शर्त है। 3-4 माह में ही कायापलट होने लगेगी और सालभर में तो पूरा जुगराफिया ही बदल जाएगा।

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