रोहित शर्मा आसानी से संन्यास लेने में विश्वास नहीं रखते यह उन्होंने साल के शुरुआत में ही स्टार स्पोर्ट्स को दिए गए इंटरव्यू में बता दिया था। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद बतौर कप्तान ड्रॉप होने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बने।एकदिवसीय मैचों में इंग्लैंड के खिलाफ उनके बल्ले से शतक आया लेकिन मौजूदा चैंपियन्स ट्रॉफी में उनका बल्ला खामोश ही रहा है। टी-20 अंतरराष्ट्रीय से वह पिछले साल विश्वकप खिताबी जीत के बाद संन्यास ले ही चुके हैं।
तो यह बात लगभग तय सी लग रही है कि चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल रोहित शर्मा का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच होगा। एकदिवसीय विश्वकप 2 साल बाद दक्षिण अफ्रीका में है और शायद रोहित शर्मा उतने फिट नहीं की वहां तक वह टीम के साथ रह सके। 37 साल के हो चुके रोहित शर्मा उस वक्त 39 के हो जाएंगे।
कुल 2 साल में चयनकर्ताओं को अनुभवी और युवा क्रिकेटरों से लैस टीम बनानी है। ऐसे में रोहित शर्मा को चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल के बाद टीम में जगह मिलती नहीं दिख रही, नतीजा चाहे जो भी हो। टेस्ट मैचों की बात की जाए तो इंग्लैंड दौरे पर उनका नाम शायद ही टीम में आए क्योंकि अगला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल भी 2 साल बाद है। वहीं टेस्ट मैचों में उनका प्रदर्शन सबसे ज्यादा निराशाजनक रहा है।
कल जब रोहित शर्मा चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल में बल्ला लेकर न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की सलामी बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे तो शायद आखिरी बार वह ऐसा कर रहे होंगे क्योंकि यशस्वी जायसवाल को बहुत देर तक चयनकर्ता अब बैंच पर बैठा कर नहीं रख पाएंगे।ऐसे में उन्हें गिल के नए साथी के लिए जगह खाली करनी चाहिए।कल अगर वह बड़ा दिल दिखाकर संन्यास ले लें तो उनके लिए बेहतर होगा क्योंकि नजरअंदाज होने से बेहतर है, खुद ही बल्ला टांग दिया जाए।
लेकिन क्या रोहित शर्मा ऐसा करेंगे, यह काफी कुछ मैच के नतीजे पर भी निर्भर करेगा, कि क्या वह संन्यास लेते हैं या फिर चयनकर्ताओं का इंतजार करते हैं।