2024 Hiroshima Day: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा पर की गई बमबारी की याद में प्रतिवर्ष 06 अगस्त को हिरोशिमा दिवस मनाया जाता है। यह दिन सन् 1945 में जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की सालगिरह का प्रतीक है, जिसमें 06 अगस्त को हुए हमले में करीब 80,000 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी। अत: यह दिन विश्व शांति को बढ़ावा देने और परमाणु हथियारों के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए मनाया जाता है।
आपको बता दें कि दि्वतीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा जापान के दो मुख्य शहरों पर यानि 06 अगस्त को हिरोशिमा पर पहला बम गिराया गया था और 09 अगस्त को नागासाकी पर दूसरा बम गिराया गया था। जो कि मानव श्रृंखला की सबसे बड़ी त्रासदी थी। जानकारी के अनुसार उस वक्त करीब 30 फीसदी लोगों की तत्काल मौत हो गई थी। इसके बाद परमाणु के रेडिएशन के कारण कई लोग भी तड़पते रहे।
आइए जानते हैं हिरोशिमा दिवस यानि जापान में हुए परमाणु हमले के बारे में 10 खास बातें...
- जापान के हिरोशिमा पर 06 अगस्त 1945 को सुबह 8.15 (सवा आठ बजे) बम गिराया था। और दूसरा बम 09 अगस्त 1945 को 11 (ग्यारह) बजे गिराया गया था। इसके बाद फिर कभी भी परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं किया गया। जानकारी के मुताबिक अगर जापान ने दूसरे हमले के बाद भी सरेंडर नहीं किया होता, तब अमेरिका तीसरा हमला करने की तैयारी में था।
- हिरोशिमा पर गिराए जाने वाले बम का फैसला केवल एक घंटे पहले लिया गया था।
- हिरोशिमा पर गिराए गए बम का नाम लिटिल बॉय था। यह करीब 4000 किलो वजन का था। 65 किलो यूरेनियम से लबालब था और 10 फीट लंबा था।
- नागासाकी पर गिराए गए बम का नाम फैट मेन था। दूसरी बार जब परमाणु बम गिराया गया था उसका वजन 4500 किलो था और 11.5 फीट लंबाई थी। इस बम में 6.4 किलो प्लूटोनियम था, जो कि यूरेनियम से भी अधिक खतरनाक था।
- आपको बता दें कि हिरोशिमा जापान का सातवां सबसे बड़ा शहर था, वहीं नागासाकी गोकु सेना का हेडक्वार्टर था।
- हिरोशिमा हमले के बाद धरती का तापमान 4000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। यह तापमान स्टील को पिघालने के लिए काफी होता है। हालांकि जिस जगह बम गिरा था, वहां का तापमान 3 लाख डिग्री सेल्सियस था।
- कहते हैं अमेरिका ने आज तक बम गिराने वाले फैसले को लेकर माफी नहीं मांगी है। वहीं पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबाम पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने हमले के 71 वर्ष बाद हिरोशिमा की यात्रा की थी।
- हिरोशिमा पर हुए हमले के एक महीने बाद एक चक्रवात आया था। जिस वजह से करीब 2000 लोगों की जान चली गई थी।
- हिरोशिमा और नागासाकी आज रेडियोएक्टिव फ्री है, जो बहुत बड़ी बात है। क्योंकि दोनों बम जमीन से कुछ दूर उपर ही ब्लास्ट हो गए थे।
- 09 अगस्त की घटना के बाद जापान के राजा हिरोहित्तो ने अमेरिकी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसकी घोषणा रेडियो पर की गई थी। बता दें कि जापानियों ने पहली बार अपने राजा की आवाज सुनी थी। आज भी इस नरसंहार घटना के बारे में जानने के बाद हर किसी की रूह कांप जाती है। और इसे काले दिन के रूप में जाना जाता है तथा भविष्य में पुन: हिरोशिमा जैसी घटना कभी भी न दोहराई जाए, यही इस दिन को मनाने का उद्देश्य भी है।
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