थल सेना दिवस क्यों मनाया जाता है? फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा 15 जनवरी, 1949 को भारत के पहले भारतीय थल सेना प्रमुख बने थे। उन्होंने ब्रिटिश सेना के जनरल फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। इस ऐतिहासिक दिन को याद करने के लिए प्रतिवर्ष 15 जनवरी को थल सेना दिवस मनाया जाता है।
वर्ष 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में भारतीय सेना का गठन किया। उस समय भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला और अंत में भारतीय थल सेना के तौर पर देश के जवानों को पहचान मिली।
थल सेना दिवस का महत्व : इस दिन अपने सैनिकों के बलिदान और देश सेवा के प्रति समर्पण को हम याद करते हैं। थल सेना दिवस हमें राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने का अवसर होता है। जिसका मकसद युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित करना है। साथ ही यह दिन सैनिकों के परिवारों के बलिदान को याद करने का अवसर भी होता है। बता दें कि 15 मई 1993 को केएम करियप्पा का निधन बेंगलुरु में हुआ था, वे भारतीयों दिलों में सदा अजर-अमर रहेंगे।
कैसे मनाया जाता है थल सेना दिवस ?
* स्कूलों-कॉलेजों में कार्यक्रम: इस अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को थल सेना के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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