'यूं ही चला चल राही, कितनी हसीन है ये दुनिया' स्वदेश फिल्म का यह गाना तो आपने ज़रूर सुना होगा और शायद आपकी ट्रेवल प्लेलिस्ट में भी यह गाना शामिल हो। बस यूं ही सफर पर निकलना आसन तो नहीं है लेकिन सफर करना आपके लिए ज़रूरी है। ट्रेवल की मदद से न सिर्फ आप दुनिया देखते हैं बल्कि अपनी पर्सनालिटी को भी ग्रूम करते हैं।
1. सफ़र एक बेहतरीन शिक्षक है: सफ़र के साथी के बारे में तो पता नहीं लेकिन सफ़र आपका एक बेहतरीन शिक्षक ज़रूर है। ट्रेवल करते समय आप कई सारी वो चीज़ें सीखते हैं जो आपको कोई स्कूल नहीं सिखाएगा। ट्रेवल करते समय आप रियल लाइफ चैलेंज को फेस करते हैं और प्रॉब्लम को सोल्व करते हैं। ट्रेवल के ज़रिए आप जिम्मेदारियां सीखते हैं।
2. आप खुद को पहचानते हैं: ट्रेवल के ज़रिए हम कई लोगों से मिलते हैं। साथ ही उनके विचार को समझते हैं और सीखते हैं। लेकिन ट्रेवल के ज़रिए आप खुद को भी पहचान पाते हैं। ट्रेवल के ज़रिए आपको पता चलता है कि आप किस परिस्थिति को बेहतर तरीके से हैंडल कर पाते हैं। साथ ही लोगों से बात करके आप अपने विचार को भी समझ पाते हैं।
4. बेहतर कम्युनिकेशन स्किल: अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर करने के लिए ट्रेवल से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। ट्रेवल की मदद से आप कई लोगों से मिलते व बात करते हैं। साथ ही आपकी सोच व विचार भी विकसित होते हैं जिससे आपकी पर्सनालिटी में आत्मविश्वास जागता है। इस आत्मविश्वास के कारण आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर कर सकते हैं।
5. मेंटल हेल्थ में सुधार: अगर आप ओवर थिंक करते हैं या भविष्य के बारे में ज्यादा सोचते हैं तो आपको ट्रेवल ज़रूर करना चाहिए। ट्रेवल के ज़रिए आप प्रेजेंट में रहना सीखते हैं। ट्रेवल की मदद से आपकी मेंटल हेल्थ में सुधार आता है। अगर आपको स्ट्रेस या एंग्जायटी की समस्या है तो आपको एक बार किसी अच्छी जगह पर ज़रूर घूमना चाहिए।