भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि टैरिफ का मुद्दा कभी भी चर्चा का हिस्सा नहीं रहा। हालांकि भारत का कहना है कि 7 से 10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच जो सीमित संघर्ष हुआ, वह 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टैरिफ के मुद्दे पर जवाब दिया। MEA ने कहा कि इस महीने भारत-पाक के साथ हुए सीजफायर के लिए अमेरिका से हुई चर्चा में टैरिफ बातचीत का हिस्सा नहीं था। भारत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप प्रशासन ने यूएस की संघीय अदालत को बताया कि टैरिफ की चेतावनी ने यूएस को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में सहायता की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम हमेशा से कहते आए थे कि हालिया संघर्ष के थमने का कारण भारत और पाकिस्तान की आपसी बातचीत थी, कोई और वजह नहीं थी। इस बातचीत का हिस्सा टैरिफ नहीं था। MEA ने यूएस द्वारा स्टूडेंट वीजा पर लगाई गई अस्थायी रोक को लेकर कहा कि साल 2023-24 में 3 लाख 30 हजार से ज्यादा छात्र अमेरिका पढ़ने गए थे। हाल में वीजा मैटर को लेकर कुछ गतिविधियां हुई हैं। वीजा देना किसी देश का Sovereign अधिकार है, लेकिन भारतीय छात्रों की सुरक्षा हमारी चिंता है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे भारतीय छात्रों का वीजा एप्लीकेशन मेरिट पर तय होगा।
पाकिस्तान से सिर्फ द्विपक्षीय बात
पाकिस्तान के साथ भारत का कोई भी संबंध या संवाद केवल द्विपक्षीय होगा। उन्होंने कहा कि हम स्पष्ट कर चुके हैं कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान को उन आतंकियों को भारत के हवाले करना होगा जिनकी सूची हमने वर्षों पहले उन्हें दी थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई चर्चा होगी, तो सिर्फ यह कि पाकिस्तान पीओके कब खाली कर रहा है और उसे भारत को लौटा रहा है। Edited by: Sudhir Sharma