2011 का साल, महिला शक्ति के नाम

- डॉ. पं. सीताराम त्रिपाठ
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भारत वर्ष- भारत वर्ष का संवैधानिक जन्म 15 अगस्त, 1947 को रात्रि 12 बजे हुआ। भारत की वृष लग्न कुंडली वर्तमान में 6 वर्ष सूर्य की महादशा 11 सितंबर, 2009 से 11 सितंबर, 2015 तक रहेगी।

भारत की कुंडली के तृतीय भाव में- सूर्य, चंद्र, शनि, बुध और शुक्र पंचग्रही योग से राजयोग निर्मित हो रहा है और सूर्य की महादशा में मंगल-राहु का अंतर 2011 तक रहेगा। जिससे देश का चहुँमुखी विकास होगा और देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महाशक्ति के रूप में उभरेगा।

गोचर में शनि की काली छाया के कारण-महँगाई की मार कम नहीं होगी। इस कारण देश के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में उग्रवाद व माओवादी नक्सलवाद की आतंकी गतिविधियाँ बढ़ेंगी। भारत को दो देशों से खतरा बना रहेगा। सीमा विवाद बढ़ेगा तथा शनि के चलते रेल, वायुयान, अग्निकांड, राष्ट्रव्यापी बंद, आंदोलन से जान-माल की हानि होगी।

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इस वर्ष के मध्य में समुद्री तूफान, बाढ़, भूकंप जैसी स्थितियाँ देखने को मिलेंगी। नामधारी राष्ट्रीय ऊँचे कद के राजनेता की मृत्यु वायुयान दुर्घटना से होने का योग है। सूर्य महादशा में भारत का आर्थिक बैरोमीटर शेयर बाजार संवेदी सूचकांक 22,000 हजार का आँकड़ा पार करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी के कारण कीमती धातु सोना-चाँदी व क्रूड ऑइल में भारी वृद्धि होगी। चाँदी का भाव 40,000 रु. प्रति किलो, सोने का भाव 22,000 प्रति दस ग्राम, चाँदी कलदार 50,000 हजार सैकड़ा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। डीजल व पेट्रोल के भाव बढ़ेंगे।

अगले ओलंपिक खेलों में भारत तीन स्वर्ण पदक जीतेगा। खेल, बॉलीवुड, राजनीति और दूसरे क्षेत्रों में महिलाओं का बोलबाला रहेगा। देश की आर्थिक तरक्की जारी रहेगी और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में भी भारत का वर्चस्व बढ़ेगा। विदेशी निवेशकों की निगाह में भारत सर्वोपरि रहेगा।

प्रस्तुति : कपिल भट्ट

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