Veer Durgadas Rathore : वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ यानी मारवाड़ रियासत का वह योद्धा जिसने अपने भाले की नोक से मुग़ल सल्तनत की नींव हिला दी थी। जिन्होंने अपने कौशल और राजनीतिक समझ से औरंगजेब के चंगुल से मारवाड़ की रियासत और राजघराने को बचाया था। उन्होंने अपनी वीरता और कूटनीति से मुगल शासक औरंगजेब की नींद उड़ा दी थी।
'बेग़म पूछै बादशा, इसड़ा केम उदास, खाग प्रहारां खूंदली, दिल्ली दुर्गादास' अर्थात दिल्ली की बेगम बादशाह से पूछती है कि आज ऐसे उदास क्यों हो! बादशाह कहता है कि मेरी उदासी का कारण दुर्गादास है, जिसने अपनी तलवार के प्रहारों से दिल्ली को रौंद डाला।
मारवाड़ के शासक जसवंत सिंह के निधन के बाद जन्मे उनके पुत्र अजीत सिंह को दुर्गादास ने न केवल औरंगजेब के चंगुल से बचाया, बल्कि उन्हें वयस्क होने पर शासन की बागडोर सौंपने में भी मदद की। उनके पिता आसकरण जोधपुर राज्य के दीवान थे। पारिवारिक कारणों के आसकरण लूणवा गांव में रहे जहां दुर्गादास का लालन-पालन उनकी माता ने ही किया। माता ने दुर्गादास में देश पर मर मिटने के संस्कार डाले।