नई दिल्ली। एनसीपी नेता शरद पवार ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। इससे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उम्मीदों को झटका लगा है, जो कि राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे को विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। पवार की उम्मीदवारी को लेकर ममता ने हाल ही में राकांपा नेता से अलग से भी मुलाकात की थी।
इन दलों ने बनाई दूरी : कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), राजद और वाम दलों के नेता बैठक में शरीक हुए, जबकि आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजद) इससे दूर रहे।
शिवसेना, भाकपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा-एमएल, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जद (से), आरएसपी, आईयूएएमएल, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शरीक हुए। यह बैठक, राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जाना प्रारंभ होने के दिन हुई है।
राकांपा के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, जनता दल (सेक्युलर) के एचडी देवगौड़ा और एसडी कुमार स्वामी, सपा के अखिलेश यादव, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेकां के उमर अब्दुल्ला बैठक में शरीक हुए प्रमुख नेताओं में शामिल थे।
राष्ट्रीय राजधानी के कॉंस्टी्यूशन क्लब में हुई बैठक से आप, टीआरएस, बीजद के अलावा शिरोमणि अकाली दल ने दूरी बनाई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते सात मुख्यमंत्रियों सहित 19 दलों के नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था, ताकि 18 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के बीच एक संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बन सके।
बैठक से एक दिन पहले, ममता और वाम दलों के नेताओं ने राकांपा प्रमुख से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की थी, ताकि उन्हें शीर्ष संवैधानिक पद के लिए विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने के लिए मनाया जा सके। (भाषा/वेबदुनिया)