अशोक चक्र शांति काल में दिया जाने वाला वीरता पुरस्कार है। यह युद्ध के अतिरिक्त शौर्य, बहादुरी और बलिदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार का वहीं महत्व है जो युद्ध काल में परमवीर चक्र का है।
यह पुरस्कार सेना के जवान, आम नागरिक को जीवित या मरणोपरांत दिया जाता है। आजादी के बाद से करीब 40 अशोक चक्र सम्मान दिए गए हैं। इस पुरस्कार की स्थापना 4 जनवरी 1952 को स्थापित किया गया है। तब इसका नाम ‘अशोक चक्र, वर्ग-1’ था। सन् 1967 में इस पुरस्कार से वर्ग की शर्त का हटा दिया गया और इसके तीन पुरस्कार घोषित किए गए। इनका नामकरण ‘अशोक चक्र’, ‘कीर्ति चक्र’ और ‘शौर्य चक्र’ किया गया।
1 फरवरी 1999 से केंद्र सरकार ने अशोक चक्र के लिए 1400 रुपए का मासिक भत्ता निर्धारित किया।
कैसा है अशोक चक्र:
3/8 इंच व्यास का सोने का गोल टुकड़ा। बीच में अशोक चक्र की प्रतिकृति, जोकि कलम की पंखुड़ियों से घिरी रहती है। पदक की परिधि को समेटते हुए अशोक चक्र नाम। दूसरी ओर कमल के फूल की उभरी प्रतिकृति। इसमें लगा रिबन की लंबाई 31 मिलीमीटर, 15 मिलीमीटर चौड़ाई, रंग गहरा हरा, बीच में 2 मिमी की केसरिया पट्टी।
सेना पुरस्कार:
युद्ध के समय दिए जाने वाले सबसे बड़े सैन्य पुरस्कारों ने परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र शामिल है। वहीं शांति काल में इसी श्रेणी के पुरस्कार अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र हैं। विशिष्ट सेवा के लिए सेना मेडल, नौसेना मेडल और वायु सेना मेडल प्रदान किया जाता है। इसके अलावा परम विशिष्ट सेवा मेडल और अतिविशिष्ट सेवा मेडल भी प्रदान किया जाता है।