सिंह बताया कि इनमें से चंद अध्ययन संस्थान तो ऐसे हैं जिनकी दीवारों से लेकर छत तक प्लाईवुड की बनी है, जबकि कुछ अन्य जगहों पर टीन शेड के नीचे कक्षाएं संचालित की जा रही थीं। ऐसे ढांचे विद्यार्थियों के लिए बेहद असुरक्षित हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन अध्ययन संस्थानों के अवैध निर्माण को हटाया जाएगा और उनके संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
प्रशासन के जांच दल में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि सील किए गए अधिकांश अध्ययन संस्थानों में आने-जाने के लिए एक ही रास्ता था और वहां आग से बचाव के उपकरण भी नहीं लगाए गए थे। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 3 विद्यार्थियों की डूबकर मौत हो गई थी।(भाषा)