राजभवन और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के बीच असमंजस की स्थिति के चलते कुलपति के मामले में फैसला अटका हुआ था आखिरकार उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी द्वारा भोपाल में एक बड़ी बैठक ली गई, वहीं राजभवन ने कुलपति पर बनने वाले सस्पेंस को आखिरकार समाप्त कर दिया, जिसके बाद डॉ. रेणु जैन को जिम्मेदारी सौंपी गई।
ये पहली बार हुआ है जब इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को एक माह तक कोई कुलपति नही मिला हो, वहीं ये भी पहली बार हुआ है कि सरकार के भेजे गए नामों की पैनल को एक से ज्यादा बार राजभवन से लौटा दिया गया हो। इसके अलावा डीएवीवी में पहली बार कोई महिला कुलपति, कुलपति जैसे सम्मानीय पद को सुशोभित करेंगी।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की नई कुलपति डॉ. रेणु जैन जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स की विभागाध्यक्ष के पद पर थीं और अब उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। हालांकि नए कुलपति के लिए कई बड़ी चुनौतियां हैं, जिसमें सीईटी एग्जाम और पीएचडी प्रवेश परीक्षा शामिल है।
इधर इंदौर के कांग्रेसी नेताओं की राजनीति के लिए एक बड़ा झटका भी नए कुलपति की घोषणा हो गया, क्योंकि वे इंदौर से भोपाल राजभवन तक पैदल यात्रा कर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहे थे, लेकिन उनके पैदल मार्च के पूरा होने के पहले ही राजभवन और सरकार में समन्वय स्थापित हो गया और नया कुलपति इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को मिल गया।