ग्रंथ के बारे में : उक्त ग्रन्थ में 131 पुस्तकों के माध्यम से जिसमें 35 विदेशी ग्रन्थ शामिल हैं, द्वारा सिद्ध किया गया है कि मनुष्य की उत्पत्ति भारत में ही हुई, जिन्हें आर्य कहा गया।
उक्त शोध ग्रन्थ को 5 भारत के विश्वविद्यालयों के कुलपति, 14 प्रसिद्ध वैदिक विद्वान व इतिहासकार, 5 केन्द्रीय व राज्य शासन के मंत्री व मुख्यमंत्री, 5 विशिष्ट विभूतियों से प्रशंसा प्राप्त हो चुकी है।