इंदौर। इंदौर के गौरव, हिन्दी पत्रकारिता के अग्रपुरुष, मध्यभारत में चौथे स्तंभ के रूप में नए आयाम स्थापित करने वाले, हिन्दी पत्रकारिता की नर्सरी माने जाने वाले अखबार 'नईदुनिया' को वटवृक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले योद्धा वरिष्ठ पत्रकार और इंदौर प्रेस क्लब संस्थापकों में एक पद्मश्री अभय छजलानीजी आज हमारे बीच नहीं रहे।
उन्होंने इंदौर की पत्रकारिता को देश के मानचित्र पर एक अलग पहचान दिलवाई। शहर से जुड़े मुद्दों को लेकर वे हमेशा मुखर रहते थे। इंदौर आज जिस स्वरूप में है, उसमें अभयजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सामाजिक सरोकार के लिए काम करने वाली संस्थाओं की वे खुलकर मदद करते थे। इंदौर में नर्मदा का जल लाने, आईआईटी, आईआईएम और आरआर केट जैसी संस्थाएं दिलवाने में उन्होंने अहम भूमिका अदा की। उनके नेतृत्व में इंदौर में खेल गतिविधियों का भी बहुत विस्तार हुआ और खासकर टेबल टेनिस को देश के नक्शे पर स्थान मिला।
यह बात आज इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित शोकसभा में प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कही। उन्होंने कहा कि 'नईदुनिया' पत्रकारिता की नर्सरी रहा है। यहां से निकले कई पत्रकार देश के बड़े मीडिया संस्थानों में उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पद्मश्री छजलानीजी को उपस्थित मीडिया के साथियों ने 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव हेमन्त शर्मा, सचिव अभिषेक मिश्रा, कार्यकारिणी सदस्य राहुल वावीकर, अभय तिवारी, शैलेष पाठक, मुकेश तिवारी, महेश मिश्रा, राजेन्द्र कोपरगांवकर, समाजसेवी संपत धूत, पंकज शर्मा, अभिषेक दुबे, लक्ष्मीकांत पंडित, अतीक पटेल, प्रवीण सावंत, संजय सेंगर, अजय साल्वी, श्याम कामले, लोकेश कश्यप, सौरभ पवार, रवि वर्मा, दीपक जैन, प्रफुल्ल इंगले, बंटी राठौर, धर्मेन्द्र खटके, मार्टिन पिंटो, प्रकाश तिवारी, अंकित शाह सहित बड़ी संख्या में मीडिया के साथी मौजूद थे।