Madhya Pradesh Congress news : मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस संगठन की निष्क्रियता, मतदाता सूची निरीक्षण में गंभीर चूक और संगठन को मजबूत करने के लिए ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर चिंता व्यक्त की है।
यादव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वर्ष 2026 में कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत प्रदेश में मतदाता सूची निरीक्षण एवं बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्ति का जो कार्यक्रम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देशानुसार तय किया गया था, वह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका।
उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी संशोधित कार्यक्रम के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकायों की फोटोयुक्त मतदाता सूची के वार्षिक पुनरीक्षण के लिए दावे एवं आपत्तियां 24 अक्टूबर 2025 तक आमंत्रित की गई हैं और अंतिम प्रकाशन 21 नवम्बर 2025 को निर्धारित है।
परंतु इस पूरे निरीक्षण काल में म.प्र. कांग्रेस कमेटी (PCC) मतदाता सूची के सत्यापन एवं दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया में प्रभावी भूमिका नहीं निभा सकी। बीएलए की नियुक्ति नहीं की गई और बूथवार डोर-टू-डोर सत्यापन भी नहीं हो पाया।
पूर्व महासचिव यादव ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी, एआईसीसी संगठन प्रभारी हरीश चौधरी और सह प्रभारी संजय दत्त द्वारा बार-बार निर्देश देने के बावजूद प्रदेश, जिला और शहर कांग्रेस इकाइयाँ मतदाता सूची निरीक्षण एंव बीएलए नियुक्त करने में सक्रिय नहीं हो सकीं।
परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन निर्वाचन आयोग के समक्ष मतदाता सूची शुद्धिकरण के दावे आपत्ति प्रस्तुत करने में लगभग पूर्णतः असफल रहा।
यह स्थिति न केवल संगठन की कार्यकुशलता पर प्रश्न उठाती है, बल्कि आगामी नगर निगम, नगर परिषद और पंचायत चुनावों में कांग्रेस के लिए गंभीर चुनौती का संकेत भी देती है।
पूर्व महासचिव यादव द्वारा दिए गए प्रमुख सुझाव एवं प्रस्ताव
पीसीसी अध्यक्ष हेतु राजनीतिक सलाहकार मंडल का गठन:- एआईसीसी 5 वरिष्ठ नेताओं का एक राजनीतिक सलाहकार पैनल गठित करे जो PCC अध्यक्ष को दिशा, रणनीति एवं निर्णयों में मार्गदर्शन प्रदान करे।वर्तमान पीसीसी अध्यक्ष की सक्रियता प्रशंसनीय हैं,लेकिन सक्रियता को नतीजों में बदलना अतिआवश्यक हैं।
मतदाता सूची निरीक्षण की वैकल्पिक कार्ययोजना:- दावे-आपत्तियों की समयसीमा समाप्त होने के बाद अब 230 विधानसभा क्षेत्रों में डोर-टू-डोर निरीक्षण पुनः कांग्रेस संगठन द्वारा कराया जाए। एआईसीसी पाँच सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति गठित करे जो 90 दिनों में कार्य पूर्ण कराए।
प्रदेश प्रभारियों का पुनर्गठन एवं समर्पित नेतृत्व की नियुक्ति:- मध्यप्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति को समझने वाले एक वरिष्ठ, सक्रिय और ज़मीनी नेता को संगठन सुदृढ़ीकरण की विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाए।वर्तमान प्रदेश प्रभारी एंव सह प्रभारी व्यस्तता की वजह से प्रदेश कांग्रेस के साथ न्याय नहीं कर पाते हैं।
बूथ स्तर पर संगठनात्मक पुनर्निर्माण:- प्रदेश में कुल 64,626 बूथों पर एक-एक बीएलए और दस सदस्यीय बूथ कमेटियाँ गठित कर प्रदेश में 6.46 लाख सक्रिय कार्यकर्ताओं को कांग्रेस संगठन से जोड़ना अतिआवश्यक हैं।किंतु वर्तमान में अधिकांश विधानसभाओं में बीएलए की सूची(फोटो,नाम,मोबाइल नम्बर सहित) उपलब्ध नहीं हैं।पीसीसी अध्यक्ष के गृहनगर इंदौर में शहर /जिले में लगभग 2625 बूथों पर अधिकांश में बीएलए उपलब्ध नहीं हैं।
संगठन सृजन अभियान की ठोस मॉनिटरिंग:- पिछले दो वर्षों में अनेक घोषणाओं के बावजूद जिला और शहर कार्यकारिणी नहीं बन सकीं। एआईसीसी को इन सभी नियुक्तियों की समीक्षा कर कार्य-प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन प्रणाली लागू करनी चाहिए।
पूर्व महासचिव यादव ने पत्र में कहा- मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन आज एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। अब केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि ठोस, समयबद्ध और मॉनिटरिंग आधारित कार्ययोजना से ही संगठन को मज़बूत किया जा सकता है।