मध्यप्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, भर्ती परीक्षा में हो रहे भ्रष्टाचार, सरकारी विभागों के निजीकरण और विभागों में रिक्त पड़े पदों के लिए प्रर्याप्त भर्ती नहीं निकालने से नाराज ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गनाइजेशन ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया।
संगठन के सदस्यों का कहना है कि लंबे समय से सरकारी विभागों में भर्ती नहीं निकलने से न सिर्फ कई पद रिक्त पडे हैं, बल्कि प्रदेश में बेरोजगारी भी चरम पर है। अपनी मांगों को लेकर संगठन के सदस्यों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दिया और नारेबाजी की। बता दें कि 11 मार्च को पूरे प्रदेश में इस पर का विरोध प्रदर्शन किया कर ज्ञापन सौंपा गया।
दिखावा है बिजनेस समिट : AIDYO की राज्य कमेटी के सदस्यों ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन में विभिन्न बिजनेस सबमिट किए गए जिनका उद्देश्य प्रदेश में देशी- विदेशी कॉरपोरेट हाउस को निवेश के लिए आमंत्रित करना है। लेकिन यह सब दिखावा है। वास्तविकता कुछ और ही है। उन्होंने बताया कि यह देशी विदेशी कॉरपोरेट हाउस को फायदा पहुंचाने का का खेल है।
प्राइवेट कंपनियां कर रही शोषण : सदस्यों ने बताया कि आज प्राइवेट कंपनियां युवाओं का भयंकर शोषण कर रही है। 12-12 घंटे काम करवा कर कम से कम वेतन उनको दिया जा रहा है। कभी भी किसी को रख सकते हैं और कभी भी नौकरी से निकाल दिया जाता है। इसकी मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है।
रोजगार का भोपू बजा रही सरकार : असल में सरकार जिसको रोजगार कह रही है, वो रोजगार नहीं है। एक तरफ प्राइवेट इन्वेस्टर को बुलाकर रोजगार का भोपू बजा रही है वहीं पर सरकारी क्षेत्र का निजीकरण करके लाखों लाख बेरोजगार युवाओं के रोजगार पर लात मार रही है। मध्य प्रदेश में शिक्षित एवं अशिक्षित क्षेत्र के बेरोजगार युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले विद्यार्थी भर्ती के इंतजार में ओवरएज हो रहे हैं।
नाम मात्र के पद निकाल रहा शासन : प्रदर्शनकारियों ने बताया कि शासन द्वारा जो भी भर्ती निकाली जा रही है, उसमें नाम मात्र के पद निकाले जा रहे हैं, जबकि अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में है। उदाहरण के लिए पिछली बार फोर्थ ग्रेड की भर्ती में एक अभ्यर्थी पर लगभग 1000 आवेदन आए यानी की संख्या के अनुरूप और सरकारी विभागों में पड़े रिक्त पदों के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया नहीं हो रही है। भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण युवा आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं।
मनरेगा बंद, सरकारी विभागों का निजीकरण : स्टूडेंट ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर मनरेगा जैसी योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं। गांव में कोई रोजगार के व्यवस्थित साधन नहीं है, कल कारखानों में भी छंटनी चल रही है। जो सरकारी विभाग लाखों- लाख भर्ती निकालते थे उन सरकारी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है। इसके कारण उन विभागों में भर्ती नहीं निकाली जा रही है, बल्कि पदों को खत्म किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में आपसे निवेदन करते हैं कि बेरोजगार युवाओं के हितों को देखते हुए आगामी विधानसभा सत्र में बेरोजगार युवाओं के लिए आप नीतियां बनाएंगे।
क्या है मुख्य मांगें :
1. सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र अतिशीघ्र भरा जाए।
2. ठेका प्रथा को समाप्त कर सभी को स्थायी रोजगार दिया जाए।
3. बेरोजगारों को सम्मानजनक जीवन जीने के लायक बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
4. महिलाओं- बच्चियों पर बढ़ रहे अपराधों के प्रमुख कारण शराब, नशा अश्लीलता पर रोक लगाई जाए व अपराधियों पर उदाहरण मूलक कार्यवाही की जाए।
5. मनरेगा योजना शुरू कर, मनरेगा योजना में सरकार द्वारा बजट बढ़ाया जाए एवं ग्रामीण क्षेत्र में सुनिश्चित रोजगार की व्यवस्था की जाए।
6. विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों को लीक होने पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
7. प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में चल रही धांधली पर रोक लगाए जाए।
8. सभी प्रतियोगी परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सरकार अपने हाथ में ले। यह जानकारी AIDYO राज्य कमेटी मध्य प्रदेश के सदस्य प्रमोद नामदेव ने दी। Report By : Navin Rangiyal