खबरों के अनुसार, भीषण गर्मी को देखते हुए पशु चिकित्सकों ने पशु-पक्षी पालकों को सलाह दी है कि उनके लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अपनी छत पर पानी का बर्तन रखें व दिन में उसे भरते रहें। उन्हें पर्याप्त छायादार स्थान उपलब्ध कराएं। उन्हें रखने एवं बांधने का स्थान, स्वच्छ, हवादार एवं रोशनदान युक्त हो।
चिकित्सकों ने पशु पालकों को सलाह दी है कि उनके पालतू पशु-पक्षियों के रहने का स्थान हवादार हो और दोपहर में हरी ग्रीन जाली से ढंक देना चाहिए और व्यवसायिक एवं खेती में काम आने वाले पशुओं से तेज धूप में काम नहीं लिया जाना चाहिए। भीषण गर्मी और लू के कारण पशुओं की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इसलिए उनमें बीमारी होने के आसार बढ़ जाते हैं।
अत्यधिक गर्मी की स्थिति में विशेषकर संकर जाति और उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओं के बाड़ों के दरवाजों-खिड़कियों पर पाल या टाटी लगाकर दोपहर के समय पानी का छिड़काव करें, जिससे उन्हें राहत मिलेगी। पशुओं को तापघात की स्थिति होने पर तत्काल उन्हें छायादार स्थान पर ले जाकर पूरे शरीर पर पानी डालें।
Edited By : Chetan Gour