टॉम क्रूज

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थॉमस जब छोटा था तो उसने मुश्किल भरे दिन देखे। वह गरीब परिवार में पैदा हुआ और काम की तलाश में उसके इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पिता को इधर-उधर भटकना होता था। इसी वजह से थॉमस को भी अलग-अलग जगहों के स्कूलों में पढ़ना पड़ा। फिर उसके साथ यह मुश्किल भी थी कि उसे डिस्लेक्सिया था। पढ़ता कुछ और समझ कुछ नहीं आता। इस मुश्किल स्थिति में थॉमस स्कूल की पढ़ाई में पिछड़ गया। उसे अतिरिक्त क्लास में बैठना पड़ा ताकि वह दूसरे स्टूडेंट के बराबर आ सके, पर मुश्किल तो यहाँ भी थी।

इस बच्चे ने सोचा कि वह पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पा रहा है तो क्यों न वह अच्छा एथलीट बनने की कोशिश करे। थॉमस ने बहुत सी खेलकूद गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया पर घुटने की गंभीर चोट के कारण उसका एथलीट बनने का सपना भी अधूरा रह गया। इसके बाद थॉमस ने सोचा कि क्यों पादरी बना जाए। किसी कारण से यहाँ भी उसे निराशा हाथ लगी।

थॉमस ने स्कूल के दौरान कुछ नाटकों में भाग लिया था और फिर अपनी माँ की मदद से एक्टिंग में ही भविष्य बनाने का सोचा। थॉमस ने अपना सारा ध्यान अभिनय पर लगाया और इतनी सारी चीजों में असफल रहने के बाद अभिनेता के रूप में उसे धीरे-धीरे सफलता मिली।

अभिनेता बनने पर थॉमस को नया नाम मिला टॉम और पूरा नाम हो गया टॉम क्रूज। वही टॉम क्रूज जिसे हम हॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता के तौर पर जानते हैं। २००६ में फोर्ब्स पत्रिका ने इस अभिनेतको दुनिया की प्रभावशाली शख्सियत के तौर पर आँका। अगर टॉम असफलता के डर से प्रयास करना छोड़ देता तो क्या वह एक बेहतरीअभिनेतपाता?

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