उन्होंने कई रचनाएं लिखीं जिसमें- द न्यू स्पिरिट, इंडियन नेस्नलिज्म, नैस्नल्टी एंड एम्पायर, स्वराज एंड द प्रेजेंट सिचुएशन, क्वीन विक्टोरिया बायोग्राफी, द बेसिस ऑफ रिफार्म, द सोल ऑफ इंडिया आदि शामिल है। इतना ही नहीं उन्होंने कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया, जिसमें परिदर्शक (1880), बंगाल पब्लिक ओपिनियन (1882), लाहौर ट्रिब्यून (1887), द न्यू इंडिया (1892), द इंडिपेंडेंट, इंडिया (1901), वंदे मातरम (1906, 1907), स्वराज (1908-1911) तथा द हिन्दू रिव्यू (1913) भी शामिल है।