फ्लोरेंस की इस पहल से विश्वभर के कई रोगियों को अपनी परेशानियों से निजात मिली और आज अस्पतालों में नर्सों को सम्मानित दर्जा देने के साथ-साथ इस बात पर विश्वास किया जाता है कि रोगी केवल दवाओं से ठीक नहीं होता, उसके स्वस्थ होने में देखभाल का योगदान, दवाओं से अधिक होता है। घायलों की सेवा करने वाली फ्लोरेंस को 'लेडी विथ दि लैंप' का नाम मिला था और उन्हीं की प्रेरणा से महिलाओं को नर्सिंग क्षेत्र में आने की प्रेरणा मिली थी। फ्लोरेंस नाइटेंगल का 90 वर्ष की उम्र में 13 अगस्त, 1910 को निधन हो गया।