History of Pink City Jaipur: जयपुर, भारत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, अपनी खूबसूरत वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे पिंक सिटी का नाम कैसे मिला? यह नाम 19वीं सदी में ब्रिटेन के राजकुमार के स्वागत से जुड़ा है, जिसके कारण पूरे शहर को गुलाबी रंग में रंगा गया था।
ब्रिटेन के राजकुमार का आगमन से जुड़ी है जयपुर के गुलाबी शहर बनने की कहानी
जयपुर के गुलाबी रंग की कहानी तब शुरू हुई जब 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स (बाद में किंग एडवर्ड VII) भारत के दौरे पर आए। जी हां, आपकी जानकारी के लिए यहां ये बताना ज़रूरी है कि जयपुर को 'गुलाबी शहर' बनने का श्रेय महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट को जाता है। 19वीं सदी के दौरान ये शाही जोड़ा भारत दौरे पर आया था। उस समय जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय थे । उन्होंने इस शाही जोड़े के स्वागत की जोरो-शोरों से तैयारियां की थी। महारानी और युवराज की जयपुर की यात्रा को यादगार बनाने और दुनिया भर के लोग के सामने जयपुर शहर की खूबसूरती को प्रस्तुत करने के लिए महाराज ने पूरे शहर को गुलाबी रंग देने का निर्णय लिया।
उस समय जयपुर के राजा महाराजा सवाई राम सिंह II ने अपने राज्य के प्रति सम्मान और आत्मीयता व्यक्त करने के लिए पूरे शहर को गुलाबी रंग में रंगवाया, क्योंकि यह मेहमाननवाजी का प्रतीक माना जाता था। तब से जयपुर 'पिंक सिटी' के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
गुलाबी रंग का प्रतीक और महत्व
जयपुर का गुलाबी रंग अतिथि सत्कार और प्रेम का प्रतीक बन गया है। भारत में गुलाबी रंग को गर्मजोशी, आतिथ्य और शुभकामनाओं के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जब शहर के प्रमुख भवनों और बाजारों को गुलाबी रंग में रंगा गया, तो यह नजारा लोगों के मन में एक खास छवि बना गया।
पिंक सिटी की विरासत का संरक्षण
आज भी जयपुर में गुलाबी रंग की परंपरा बरकरार रखी गई है। सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इसे ऐतिहासिक महत्व का दर्जा देते हुए संरक्षित किया है, जिससे कि जयपुर की पहचान हमेशा के लिए बनी रहे। हर साल लाखों पर्यटक इस अनोखे शहर का दीदार करने आते हैं, जो भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का बेजोड़ उदाहरण है।
Jaipur का पिंक सिटी नाम कैसे बना आकर्षण का केंद्र?
जयपुर का गुलाबी रंग इसकी संस्कृति, शिल्पकला, और वास्तुकला में एक अद्वितीय समर्पण को दर्शाता है। जयपुर के प्रमुख स्थलों जैसे हवा महल, सिटी पैलेस, और जंतर मंतर को देखने लाखों पर्यटक आते हैं, जो जयपुर को पिंक सिटी की विशेष पहचान में बदलते हैं।
जयपुर का गुलाबी शहर: एक गौरवमयी पहचान
जयपुर का पिंक सिटी बनना केवल एक रंग की कहानी नहीं है, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक धरोहर, आतिथ्य-संस्कृति, और स्थानीय मान्यताओं का सम्मान है। गुलाबी रंग ने जयपुर को भारत में ही नहीं, विश्व स्तर पर एक अलग पहचान दिलाई है। आज भी, जयपुर की इस विशेषता को संजोकर रखने का प्रयास किया जाता है। जयपुर का गुलाबी रंग केवल इतिहास का एक रंग नहीं है, यह शहर के गौरव, उसकी संस्कृति और अद्वितीय पहचान का प्रतीक बन चुका है। अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।