भारतीय रेल से जुड़े कानूनों को रद्द करेगा ब्रिटेन

बुधवार, 4 अप्रैल 2012 (15:57 IST)
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भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त हुए भले ही करीब 65 साल हो गए हो, लेकिन ब्रिटेन में अभी भी भारतीय रेल नेटवर्क के निर्माण और रखरखाव से जुड़े कुछ कानून मौजूद हैं। अब जाकर ब्रिटेन की सरकार का ध्यान इन कानूनों की ओर गया है तथा उन्हें खत्म करने की तैयारी है।

ब्रिटेन के विधि आयोग ने अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में रेल नेटवर्क के निमार्ण और रखरखाव से जुड़े 38 कानूनों को खत्म करने के विधेयक एक मसौदा तैयार किया है। इनमें सबसे पहला कानून 1849 और आखिरी 1942 का है।

इन कानूनों के अध्ययन से भारतीय उपमहाद्वीप में रेल नेटवर्क के निर्माण और रखरखाव से जुड़े चुनौतियों के बारे में पता चलता है। इन कानूनों को अब ब्रिटेन के उन अधिनियमों की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है जो बेकार, अनावश्यक हैं अथवा जिन्हें लागू नहीं किया जा सकता। इन्हें रद्द करने के लिए प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को कानून मंत्री केनेथ क्लार्क को दे दिया गया है।

खत्म किए जाने वाले कानूनों में ग्रेट इंडिया पेनिनसुला रेलवे कंपनी कानून, 1849, असम रेलवे एंड ट्रेनिंग कंपनी कानून, 1897 और बंबे बड़ौदा एंड सेंट्रल इंडिया रेलवे कानून, 1942 और उस समय बनाए गए ऐसे कुल 38 कानून हैं। (भाषा)

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