भारत के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सोमवार को पाकिस्तान के छात्रों को प्रेम, शांति एवं सहनशीलता का संदेश दिया। रविशंकर ने यहां के प्रसिद्ध फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज में प्रेम एवं धर्म के बारे में दर्शकों पर जबरदस्त प्रभाव छोड़ा और उनके कई सवालों के जवाब दिए।
...तो दूसरी ढूंढ़ लो : एक छात्र ने अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड को भुला पाने में नाकाम रहने पर आध्यात्मिक गुरु से सलाह मांगी। इस पर रविशंकर ने कहा कि आप विश्व में रहने वाली सात अरब आत्माओं में से किसी और को ढूंढ़ लीजिए। आगे बढ़िए। इस जवाब से दर्शक गद्गद् हो गए।
सैकड़ों छात्रों ने आध्यात्मिक गुरु का गर्मजोशी से स्वागत किया। लाहौर के कॉलेज में संबोधन के साथ उनकी तीन दिन की निजी पाकिस्तान यात्रा शुरू हो गई। रविशंकर के पहुंचने से एक घंटे पहले ही हाल खचाखच भर गया था। छात्र और शिक्षक उन्हें सुनने के लिए बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे।
जीवन में ऊर्जा बनाए रखें : मंच पर आकर रविशंकर ने कहा कि मैं आपके इस उत्साह को देखकर प्रसन्न हूं। आप जीवन में इस ऊर्जा के साथ अद्भुत कर सकते हैं। इस उत्साह को कभी खोने मत देना। उन्होंने छात्रों से पूछा कि वे उनसे किस बारे में संबोधन चाहते हैं। इस पर हाल में एक सुर में आवाज गूंज उठी ‘प्रेम, शांति, सहनशीलता'।
सच की ताकत को समझें : आध्यात्मिक गुरु ने छात्रों से कहा कि वे सच की ताकत को समझें। उन्होंने कहा कि आप एक झूठ बोलते हैं और खुद की शक्ति खो देते हैं। उन्होंने छात्रों को बताया कि गुस्से पर कैसे काबू पाया जाए और पढ़ाई पर कैसे ध्यान केंद्रित किया जाए।
हिन्दू भी एकेश्वरवादी : एक छात्र ने श्री श्री रविशंकर से मूर्तिपूजा पर टिप्पणी करने को कहा क्योंकि पाकिस्तान में यह आम धारणा है कि हिन्दू सैकड़ों देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। रविशंकर ने कहा कि जैसे अल्लाह के 99 नाम हैं, उसी तरह भगवान की एक हजार से अधिक प्रतिमाएं हैं, लेकिन भगवान उनमें नहीं बसते हैं। ईश्वर एक है। हिन्दू भी एक ही ईश्वर की पूजा करते हैं। इस पर संकाय के वरिष्ठ सदस्यों की ओर से उन्हें काफी सराहना मिली।
ध्यान से जीवन में परिवर्तन : आध्यात्मिक गुरु ने दर्शकों से अपने जीवन में ध्यान, योग और श्वसन तकनीकें अपनाने का आह्वान किया और कहा कि देखिए इसके जरिए किस तरह विश्व में परिवर्तन आता है। भारत-पाकिस्तान के संबंधों के संदर्भ में रविशंकर ने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन का उदाहरण दिया, जो सदियों तक एक दूसरे के दुश्मन बने रहने के बाद आज शांति से रह रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि दक्षिण एशिया के पड़ोसी ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
उनका संबोधन समाप्त होने के बाद छात्र उनके साथ फोटो खिंचाने के लिए उनकी ओर दौड़ पड़े। रवि शंकर आज वाघा सीमा के जरिए लाहौर पहुंचे। वे ऐतिहासिक बादशाही मस्जिद गए और आर्ट ऑफ लिविंग के अपने अनुयायियों से निजी मुलाकात की।
मंगलवार को वे इस्लामाबाद जाएंगे और एक नया आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर खोलेंगे। इसके बाद वे कराची जाएंगे और 14 मार्च को स्वदेश रवाना होंगे। (भाषा)