सईद ने सुरक्षा बलों से खेला चूहे-बिल्ली का खेल

बुधवार, 28 मार्च 2012 (14:53 IST)
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प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद और अह्ल-ए-सुन्नत वल जमात के नेता अहमद लुधियानवी ने तकरीबन छह घंटे तक पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेला। दरअसल, सुरक्षा बल इन नेताओं को इस्लामाबाद में प्रवेश से रोकने की कोशिश कर रहे थे।

इस्लामाबाद में प्रवेश पर पाबंदी के बावजूद सईद और लुधियानवी मंगलवार को शहर में घुस आए और दफा-ए-पाकिस्तान परिषद की ओर से आयोजित एक रैली में शिरकत की। रैली आयोजित करने का मकसद नाटो के आपूर्ति मार्ग को न खोलने के लिए सरकार पर दबाव बनाना था। नाटो का आपूर्ति मार्ग पिछले साल बंद कर दिया गया था।

सईद तो ससंद से कूछ ही दूरी पर कट्टरपंथी और चरमपंथी संगठनों के हजारों सदस्यों को संबोधित करने में सफल रहा जबकि सुरक्षा बलों के दबाव के कारण लुधियानवी को इसमें नाकामी हाथ लगी।

‘डॉन’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी का सुरक्षा तंत्र सईद और लुधियानवी के लिए कहीं से भी बराबरी का साबित नहीं हुआ।

रिपोर्ट में कहा गया कि वे आए और चले गए। उन्हें रोका गया और फिर छोड़ दिया गया। उनकी कारों में उन्हें रोका गया और उनके अंगरक्षकों ने उनकी हिफाजत की। जब रैली में भीड़ जमा हुई तो ट्रैफिक जाम की परेशानी पैदा हो गई।

अखबार के मुताबिक, 'आखिरकार, परेशान, लाल चेहरे में पुलिसकर्मी बातचीत के बाद मौलाना लुधियानवी को पकड़ने में कामयाब हुए जबकि सईद फरार होने में कामयाब रहा। लुधियानवी को इस्लामाबाद के बाहरी हिस्से में मौजूद औद्योगिक इलाके के पुलिस थाने ले जाया गया जहां एक पुलिस अधिकारी की शिकायत पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

हालांकि, मिनटों के अंदर नगर प्रशासन ने उसे जमानत दे दी। इस मौके पर गृह मंत्री रहमान मलिक ने दखल दिया और उसकी जमानत रुकवा दी।

लुधियानवी की अह्ल-ए-सुन्नत वल जमात कुख्यात सांप्रदायिक संगठन सिपह-ए-सहबा की ही एक शाखा मानी जाती है जिसके तार शिया समुदाय के खिलाफ हुई हालिया आतंकवादी घटनाओं से जुड़े हैं। (भाषा)

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